नीर नदी वृष्टि सृष्टि ने गढ़ा मन आत्मन अस्तित्व क्यों करता व्याकुल मानुष नष्ट कलरव पंछ नीर नदी वृष्टि सृष्टि ने गढ़ा मन आत्मन अस्तित्व क्यों करता व्याकुल मानुष नष्ट ...
राम राम टें टें शायद राम का अर्थ वो नहीं जानता या नहीं जानता मैं। राम राम टें टें शायद राम का अर्थ वो नहीं जानता या नहीं जानता मैं।
राम का नाम भवसागर पार करा देता है राम बनना जीवन को असहय बना देता है। राम का नाम भवसागर पार करा देता है राम बनना जीवन को असहय बना देता है।
प्रिय मित्रों की अहम टिप्पणी , देखो क्या रंग लाएंगीII प्रिय मित्रों की अहम टिप्पणी , देखो क्या रंग लाएंगीII
कि अब मर भी जाऊँ तुम्हारे लिए तो वो थोड़ा होगा.... कि अब मर भी जाऊँ तुम्हारे लिए तो वो थोड़ा होगा....
दूर्रलघ्न शाश्वत अग्रणी आद्यंत ले श्रीराम आए। दूर्रलघ्न शाश्वत अग्रणी आद्यंत ले श्रीराम आए।